भारत में चना एक बहुत ही लोकप्रिय और सेहतमंद आहार माना जाता है। लोग इसे भूनकर, उबालकर, अंकुरित करके या सब्ज़ी के रूप में खाते हैं। लेकिन अक्सर लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि —
"क्या सच में चने खाने से गैस बनती है?"
इस लेख में हम जानेंगे कि क्या वाकई चने से गैस बनती है, इसके पीछे क्या कारण हैं, इसे कैसे रोका जा सकता है और क्या चना खाना हमारे लिए फायदेमंद है या नहीं।
चना क्या है और क्यों खाया जाता है?
चना, जिसे इंग्लिश में Chickpeas कहा जाता है, एक पौष्टिक दाल है जो प्रोटीन, फाइबर, विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर होती है। यह शाकाहारी लोगों के लिए प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत है।
दो प्रकार के चने आमतौर पर खाए जाते हैं:
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काला चना
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सफ़ेद चना (काबुली चना)
क्या सच में चने खाने से गैस बनती है?
हां, कुछ मामलों में चने से गैस बन सकती है।
यह सभी पर लागू नहीं होता, लेकिन कुछ लोगों को चने खाने के बाद पेट फूलना, डकारें आना या भारीपन महसूस होता है।
गैस बनने के पीछे का कारण
1. फाइबर और ओलिगोसेकेराइड्स की मात्रा
चना घुलनशील फाइबर और एक विशेष प्रकार की शुगर (Oligosaccharides) से भरपूर होता है। जब ये पाचन में पूरी तरह टूटते नहीं हैं, तो बड़ी आंत में जाकर बैक्टीरिया इन्हें ब्रेक करते हैं — जिससे गैस बनती है।
2. पाचन एंजाइम की कमी
कुछ लोगों के शरीर में गैस बनाने वाले तत्वों को तोड़ने वाले एंजाइम पर्याप्त नहीं होते।
3. एक बार में ज्यादा चना खा लेना
अगर आप एक ही बार में ज़्यादा मात्रा में चना खा लेते हैं, तो पेट उसे पचा नहीं पाता और गैस बनने लगती है।
गैस से बचने के आसान उपाय
1. चना भिगोकर और उबालकर खाएं
भिगोने से ओलिगोसेकेराइड्स की मात्रा कम होती है और पाचन आसान हो जाता है।
2. छोटे हिस्सों में खाएं
चना धीरे-धीरे और सीमित मात्रा में खाएं।
3. हींग और अदरक का इस्तेमाल करें
चना बनाने में हींग, अदरक, अजवाइन आदि का प्रयोग करें — ये पाचन में मदद करते हैं।
4. अंकुरित चना खाएं
अंकुरण की प्रक्रिया गैस बनाने वाले तत्वों को तोड़ देती है, जिससे पाचन आसान होता है।
5. चना खाने के बाद हल्का वॉक करें
थोड़ी देर टहलने से गैस बनने की संभावना कम हो जाती है।
चने के फायदे – क्यों खाएं चना?
हालांकि कुछ लोगों को चने से गैस होती है, लेकिन इसके स्वास्थ्य लाभ भी अनगिनत हैं:
प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत
शाकाहारी लोगों के लिए ये मांसाहार जैसा असर करता है।
ब्लड शुगर कंट्रोल
चना लो-ग्लाइसेमिक होता है, जिससे शुगर धीरे-धीरे रिलीज होती है।
वजन घटाने में सहायक
फाइबर भरपूर होता है जिससे देर तक भूख नहीं लगती।
हृदय स्वास्थ्य
कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल में रखने में मदद करता है।
हड्डियों के लिए लाभदायक
कैल्शियम और फॉस्फोरस का अच्छा स्रोत है।
चने के उपयोग – कैसे खाएं चना?
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भुना हुआ चना (स्नैक्स के रूप में)
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उबला हुआ चना (नाश्ते में)
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अंकुरित चना (डाइटर्स के लिए)
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चना चाट (स्वाद और सेहत दोनों)
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चने की सब्ज़ी (दोपहर या रात के भोजन में)
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
Q. क्या चना रोज़ खा सकते हैं?
हाँ, लेकिन सीमित मात्रा में। लगभग 50-70 ग्राम प्रतिदिन सुरक्षित है।
Q. चना किसे नहीं खाना चाहिए?
जिन्हें गैस, IBS या पेट की एलर्जी हो, वे डॉक्टर की सलाह से खाएं।
Q. क्या भुना हुआ चना भी गैस करता है?
कम मात्रा में खाएं तो नहीं करेगा, लेकिन ज़्यादा खाने से हो सकता है।
Q. चना खाने का सही समय क्या है?
सुबह या दोपहर में खाना बेहतर होता है। रात में बचना चाहिए।
निष्कर्ष – क्या सच में चने खाने से गैस बनती है?
"क्या सच में चने खाने से गैस बनती है?"
इसका जवाब है — हां, कुछ लोगों को बन सकती है, लेकिन यह सबकी शारीरिक संरचना और खाने के तरीके पर निर्भर करता है।
अगर आप इसे सही मात्रा, सही तरीके और सही समय पर खाते हैं — तो चना न केवल सेहतमंद है बल्कि आपके शरीर के लिए एक सुपरफूड की तरह काम करता है।
तो अगली बार जब आप चना खाएं — गैस से डरें नहीं, समझदारी से खाएं!